Maharaj फिल्म से आमिर खान के बेटे जुनैद खान फिल्मी जगत में अपना डेब्यू कर रहे हैं। यह फिल्म 1862 में बॉम्बे कोर्ट में दाखिल किये गए ‘Maharaj Libel Case’ पर बनाई गयी हैं। दिलचस्प बात ये हैं कि इस फिल्म पर भी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए केस कर दिया गया था, जिसके बाद गुजरात हाई कोर्ट द्वारा इस फिल्म की रिलीज पर एक अस्थायी प्रतिबन्ध लगा दिया गया था।
यह फिल्म पहले 13 जून को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इसी दिन इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। हालाँकि 19 जून को इस प्रतिबन्ध को हटा दिया गया, जिसके कुछ समय बाद ही Maharaj फिल्म को Netflix पर रिलीज कर दिया गया। गुजरात हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया कि यह फिल्म 1862 के ‘Maharaj Libel Case’ पर बनाई गयी हैं और यह किसी भी प्रकार से धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करती।
“कोर्ट फैसला सुनाता हैं कि Maharaj फिल्म उन घटनाओं पर बनाई गयी हैं, जिनकी वजह से Libel Case हुआ था और यह किसी भी प्रकार से Pushtimargi समुदाय की भावनाओं को आहत नहीं करती हैं। फिल्म को फिल्म सर्टिफिकेशन केन्द्रीय बोर्ड द्वारा सर्टिफाई किया गया हैं, जो इस मामले में एक्सपर्ट हैं और सभी जरुरी कानून जानते हैं। इसलिए 13 जून को इस फिल्म पर लगाए गए प्रतिबन्ध को हटाया जाता हैं,” जस्टिस संगीता के. विशेन ने कोर्ट में फैसला सुनाते हुए कहा।
Maharaj को नहीं मिला भाव
इस फिल्म के साथ आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने बड़े परदे पर डेब्यू किया था। जुनैद खान ने इस फिल्म में करसनदास मुलजी नाम के उसी पत्रकार का रोल अदा किया हैं जिन पर यह केस हुआ था। इसके साथ ही फिल्म में जयदीप अहलावत और शर्वरी वाघ जैसी दमदार स्टारकास्ट थी। हालाँकि बावजूद इसके यह फिल्म फैंस के बीच अपनी छाप छोड़ने में नाकामयाब साबित हुई हैं। सिर्फ 330 लोगो द्वारा रिव्यु के बाद ही IMDB पर फिल्म की रेटिंग 10 से गिरकर 6.1 पर आ चुकी हैं।
यह फिल्म लगभग 2 घंटे लंबी हैं, लेकिन बावजूद इसके फिल्म की कहानी भागती सी प्रतीत होती हैं। फिल्म की कहानी यह दिखाने में पूरी तरफ विफल होती हैं कि क्यों करसनदास उसी माहौल में बड़े होने के बावजूद रेशनल सोच वाले कैसे बने। किस घटना अथवा चीज अथवा व्यक्ति ने उनकी सोच में यह परिवर्तन किया जिसके कारण वह अब अंधभक्ति पर सवाल उठाने लगे थे। इस तरह की राइटिंग के चलते जुनैद खान का किरदार डगमगाया हुआ सा लगता हैं।
जयदीप अहलावत ने Maharaj फिल्म में महाराज जादूनाथ का रोल अदा किया हैं। अब जयदीप अहलावत किस दर्जे के एक्टर हैं, यह बात फिल्म देखने वाले हर व्यक्ति को पता हैं। ऐसे में अन्य एक्टर उनके आगे फीके ही नजर आते हैं। लेकिन साथ ही राइटिंग ने तो उनके किरदार को भी बुरा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। यह जयदीप अहलावत की एक्टिंग ही थी जो लोगों को बांधे रखने का काम कर रही हैं।